फ़ेहरिस्त

 क़िस्त 01 : बह्र-ए-् मुतक़ारिब

 क़िस्त 02 : बह्र-ए-मुतदारिक

 क़िस्त 03 : बह्र-ए-हज़ज

 क़िस्त 04 : बह्र-ए-रमल

 क़िस्त 05 : बह्र-ए-रजज़

 क़िस्त 06 :बह्र-ए-वाफ़िर

 क़िस्त 07 : बह्र-ए-कामिल

 क़िस्त 08 : सामान्य बातें 01

 क़िस्त 09 : सामान्य बातें 02

 क़िस्त 10 : ज़िहाफ़ात 01

 क़िस्त 11 :ज़िहाफ़ात 02

 क़िस्त 12 : ज़िहाफ़ात 03

 क़िस्त 13 : ज़िहाफ़ात 04

 क़िस्त 14 : ज़िहाफ़ात 05

 क़िस्त 15 : ज़िहाफ़ात 06

 क़िस्त 16 : ज़िहाफ़ात 07

 क़िस्त 17 : ज़िहाफ़ात 08

 क़िस्त 18 : ज़िहाफ़ात 09

 क़िस्त 19 : ज़िहाफ़ात 10

 क़िस्त 20 : ज़िहाफ़ात 11

 क़िस्त 21 : ज़िहाफ़ात 12

 क़िस्त 22 : उर्दू शायरी की प्रचलित बह्रें

 क़िस्त 23 : बह्र-ए-मुतक़ारिब [01]

 क़िस्त 24 : बह्र-ए-मुतक़ारिब [02]

 क़िस्त 25 : बह्र-ए-मुतक़ारिब [03]

 क़िस्त 26 : बह्र-ए-मुतदारिक [01]

 क़िस्त 27 : बह्र-ए-मुतदारिक [02]

 क़िस्त 28 : बह्र-ए-मुतदारिक [03]

 क़िस्त 29 : मुतक़ारिब और मुतदारिक की तुलना

 क़िस्त 30 : बह्र-ए-हज़ज [01]

 क़िस्त 31 : बह्र-ए-हज़ज [02]

 क़िस्त 32 : बह्र-ए-हज़ज [03]

 क़िस्त 33 : बह्र-ए-हज़ज [04]

 क़िस्त 34 : बह्र-ए-हज़ज [05]

 क़िस्त 35 : बह्र-ए-हज़ज [06]

 क़िस्त 36 : बह्र-ए-रमल [01]

 क़िस्त 37 : बह्र-ए-रमल [02]

 क़िस्त  38 : बह्र-ए-रमल [03]

 क़िस्त 39 : बह्र-ए-रजज़ [01]

 क़िस्त 40 : बह्र-ए-रजज़ [02]

क़िस्त 41 : बह्र-ए-कामिल [01]

 क़िस्त 42 : बह्र-ए-कामिल [02]

 क़िस्त  43 : बह्र-ए-वाफ़िर [01]

 क़िस्त 44 : बह्र-ए-वाफ़िर [02]

 क़िस्त 45: उर्दू शायरी में प्रचलित बह्रें

क़िस्त 46: बह्र-ए-तवील

 क़िस्त 47 : बह्र-ए-बसीत

 क़िस्त  48 : बह्र-ए-मदीद

 क़िस्त 49 : बह्र-ए-मुन्सरिह 

 क़िस्त 50 : बह्र-ए-मुज़ारे’ [01]

क़िस्त 51 : बह्र-ए-मुज़ारे’ [02]

 क़िस्त 52 : बह्र-ए-मुक़्तजिब

 क़िस्त  53 : बह्र-ए-मुज्तस

 क़िस्त 54 : बह्र-ए-सरीअ’

 क़िस्त 55 : बह्र-ए-जदीद

क़िस्त 56 : बह्र-ए क़रीब

 क़िस्त 57 : बह्र-ए-ख़फ़ीफ़

 क़िस्त  58 : बह्र-ए-मुशाकिल

 क़िस्त 59 : बह्र-ए-मीर

 क़िस्त 60 : रुबाई की बह्र 

क़िस्त 61 : माहिया की बह्र

 क़िस्त 62 : छोटी बह्र-मझली बह्र-बड़ी बह्र

 क़िस्त  63 : एक शे’र -तीन बह्र

 क़िस्त 64 : क़स्मे वादे प्यार-- गीत की तक़्तीअ’

 क़िस्त 65 : फ़िराक़ साहब की एक ग़ज़ल -तक्तीअ’

क़िस्त 66 : इक़बाल साहब की एक ग़ज़ल -तक़्तीअ’

 क़िस्त 67 :शायरी का एक ऎब- शुतुर-गर्बा

 क़िस्त  68 : एक सामान्य बातचीत 01

 क़िस्त 69 : बह्र-ए-हज़ज मुसम्मन मुज़ाहिफ़

 क़िस्त 70 : कसरा-ए-इज़ाफ़त और वाव-ए-अत्फ़

 क़िस्त 71 : ग़ालिब की एक ग़ज़ल--तक़्तीअ’

 क़िस्त 72 : अपनी एक ग़ज़ल -तक़्तीअ’

 क़िस्त  73 : एक सामान्य बातचीत 02

 क़िस्त 74 : एक आहंग-दो नाम 

क़िस्त 75 :  उर्दू शायरी में मात्रा गणना

क़िस्त 76 : तस्कीन-ए-औसत का अमल

क़िस्त 77 : बड़ी बह्र -कौन सी?

क़िस्त 78 : आहंग एक-नाम दो [ भाग 1]

क़िस्त 79 : आहंग एक-नाम दो [ भाग 2]

क़िस्त 80 : कसरा-ए-इज़ाफ़त पर अतिरिक्त बातें [ भाग 1]

क़िस्त 81: कसरा-ए-इज़ाफ़त पर अतिरिक्त बातें [ भाग 2]

क़िस्त 82 : क़ाफ़िया पैमाइश -बनाम- मा’नी आफ़्रीनी

क़िस्त 83 : उर्दू शायरी में मात्रा पतन

क़िस्त 84 : 8-हर्फ़ी अर्कान पर एक चर्चा

क़िस्त 85 : कुछ बातें माहिया के बारे में

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